जीवन एक रहस्य
जीवन एक रहस्य
दिन मानव के गिनती के है
मृत्यु जैसा जटिल प्रश्न है,
इसका रहस्य किसी ने नहीं जाना
कहां चला जाता है जीता जागता मानव।
क्या कभी सोचा है
यह संसार क्या है,
क्या यह संसार एक मुसाफ़िर खाना है
कारवाँ का रैन बसेरा है।
यहां प्रतिदिन बहुत से लोग
जन्म लेते हैं, बहुत से मरते हैं,
हमारा वास्तविक घर कहां है,
इससे सब अनजान हैं यहां।
क्या हम अपना घर छोड़कर
किसी विशेष कार्य के लिये यहां आये हैं,
और अपना लक्ष्य भूल
समृद्धि सत्ता- सुख के पीछे भागते हैं।
पृथ्वी पर सदैव कोई नहीं रहता
नींद मृत्यु की जुड़वां बहन है,
रहस्य है कष्टदायक स्थिति भोग रहे
दुःखी जन भी मरना नहीं चाहते।
किसी ने कितना सुन्दर कहा है
मानव को जीवन का रहस्य बताया है
“तू ज़िन्दा है, ज़िन्दगी के गीत में यक़ीन कर,
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर।”
