जब हम बच्चें थे !
जब हम बच्चें थे !
बदन पे एक भी कपडे नही,
सिर्फ कच्छे थे,
दिल के एकदम सच्चे थे,
वो दिन बडे अच्छे थे,
जब हम बच्चे थे ।
गिरते थे,
उठते थे,
सम्भलते थे,
फिर चलते थे,
वो लम्हें कितने अच्छे थे,
जब हम बच्चें थे ।
बदन पे एक भी कपडे नही,
सिर्फ कच्छे थे,
दिल के एकदम सच्चे थे,
वो दिन बडे अच्छे थे,
जब हम बच्चे थे ।
गिरते थे,
उठते थे,
सम्भलते थे,
फिर चलते थे,
वो लम्हें कितने अच्छे थे,
जब हम बच्चें थे ।