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Deepti S

Drama Romance Fantasy

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Deepti S

Drama Romance Fantasy

जाती नहीं आँखों से सूरत तेरी

जाती नहीं आँखों से सूरत तेरी

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रवि के उगने से शशि के छिपने तक निद्रा की कोशिश बहुतेरी

भूल के लौट आतीं हैं बातें पर जाती नहीं आँखों से सूरत तेरी


पवन सी यूँ ज़रूरी हो गयीं तुम, नैन रात दिन अश्रु नीर मेरी

धुंधला दिखता मुझे सवेरा जब जाती नहीं आँखों से सूरत तेरी


गगन में स्वच्छंद पक्षी दिखते हैं तुमसे न मिल पाना है मजबूरी

पीछा करें बिताए पल की यादें जाती नहीं आँखों से सूरत तेरी


क्या तुम भी इस विरह में तड़पती जैसे मेरा दिल भरता हूक तेरी

बसंत में नव पुष्प कैसे देखूँ जब जाती नहीं आँखों से सूरत तेरी


न कुछ माँगा ख़ुदा से मुरादों में बस एक ही आरजू थी तू मेरी

झलक की व्याकुलता दिखेगी, जब जाएगी आँखों से सूरत तेरी


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