"अशुभता पल में करते दूर"
"अशुभता पल में करते दूर"
अशुभता को आप एक पल में करते है, दूर
मेरे बप्पा तो शुभ कार्य के लिये है, मशहूर
जब छाये थे, मेरे इस जीवन मे विघ्न, भरपूर
तब विघ्नहर्ता ने किये, सब विघ्न चकनाचूर
आया है, गणेश चतुर्थी का पावन पर्व, हुजूर
नाचो, गाओ बप्पा आएंगे घर पर तेरे जरूर
रहेंगे दस दिन घर पर, भक्ति करना तू भरपूर
अनन्त चतुर्दशी को विसर्जन करना, तू जरूर
अगले वर्ष जल्दी आना, करना माफ, मेरी भूल
में तो हूं, विघ्नहर्ता तेरे ही चरणों की एक धूल
भक्ति करो आप सब तो गजानन की जरूर
जीवन के सब ही संकट हो जाएंगे, फुर्र-फुर्र
एकबार बप्पा को दिल से करो, याद भरपूर
काल भी तेरा कुछ नहीं कर कर पायेगा, क्रूर
गर सिर पर है, गणेशा का आशीर्वाद, भरपूर
जिस पर दृष्टि करे, मेरे बप्पा एकबार जरूर
वो पत्थर टुकड़ा भी बन जाता है, कोहिनूर
काम, क्रोध, लोभ, ईर्ष्या, द्वेष आदि है, मगरूर
जिन्होंने मुझको घेर लिया है, बप्पा भरपूर
आया हूं, बप्पा तेरी, शरण जीवन दे, या मरण
इन दुष्ट दैत्यों का अंधकार करो, बप्पा दूर
आप जीवन के इकलौते, प्रकाश पुंज समूह
पिता महादेव, माता आपकी पार्वती है, देव
भाई कार्तिकेय, रिद्धि-सिद्धि करती है, सेव
लाभ-शुभ पुत्र है, जो शुभ ही करते है, सदैव
आमोद-प्रमोद पौत्र, जो खुशियों देते है, देव
अशुभता को आप एकपल में करते है, दूर
मेरे बप्पा तो शुभ कार्य के लिये है, मशहूर
प्रथम पूज्य देव, हर पूजा आप बिना अधूरी
आप पूजा बाद ही, सब कार्य को मिले मंजूरी
आपकी जय हो, जय हो गजानन जी बहुत
आप वर्तमान, आप भविष्य, आप ही हो भूत
आप की इच्छा बिना कुछ न करे, काल-क्रूर
आप कृपा जिसपर हो, कोटि शूलों में बने, फूल