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Phool Singh

Drama Tragedy Inspirational

4  

Phool Singh

Drama Tragedy Inspirational

कर्ण और कृष्णा

कर्ण और कृष्णा

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हे मधुसूधन, आपने कही और मैंने सुनी 

आपने जो भी मुझे बात कही  

क्षत्रिय बताते आप मुझे अब, सूत पुत्र सुनते मेरी जिंदगी कटी|| 


कैसे जीता मैं कैसे रहता 

चैन की रात न एक कटी 

विनाश का समर अब आ चुका है, ये बात कहाँ से आज उठी||


उस माँ की मैं बात करूँ क्या

पाषाण हृदय जो धरी 

मान अपना सुत प्यारा, क्यूँ पय न मुझको पिला सकी||


कुल छिपाया पहचान छिपाई 

गोदी में न उसके आग लगी 

वैरी-सा वो काम है करती, माताओं को क्यूँ बदनाम करी||


सबकी भौं थी मुझ पर तनती  

यशस्विनी माता वो बनी 

जो भी बीता मुझ पर बीता, वो अपरिणीता हमेशा बनी रही||


गौत्र-जाति से दीन-हीन मैं 

दुनिया मुझ पर हँसती रही 

किस-किस से मैं मुँह छिपाता, सम्पूर्ण जिंदगी मेरी पड़ी||


मलिन पड़ता सारा तेज भी 

मेरी वीरों में न होती गिनती कहीं 

युद्ध कौशल भी दिखा न पाता, आशा-निराशा में बदल गई||


अनादर पाता निम्न कहलाता

शूद्र की संज्ञा मेरी रही 

फटी जाती थी छाती मेरी, न तानों की वर्षा रुकी कभी||


रंगमच में मेरा उपहास हुआ तो  

शांतचित हो माँ खड़ी 

क्यूँ रोक सकी न मेरे अनुज को, जिन्होंने फब्तियाँ लाख कसी|


पला-बढ़ा मैं शूद्र वंश में  

सूत पुत्र पहचान बनी 

अपमान की अग्नि बुझ न पाती, क्यूँ ये सब माँ को याद नहीं| 


छिपकर मुझसे मिल सकी न

क्यूँ सुत भी अपना कह सकी 

आँचल में सुलाती मुझको कुछ पल, क्या मेरी उसे कुछ याद नहीं||


राजमाता का धर्म निभाती

कुछ ममता वो मुझे दिखाती 

मानता हूँ ये आर्यवृत है, जहाँ नारी अभी तक न दया तजी||


कुछ भी माँ-सा किया न उसने

न उसको कुछ मेरी पड़ी 

खुश है वो पुत्रों के संग में, मेरा तो उसको ध्यान नहीं||


राजमहल के सुख में चूर जो 

क्यूँ मुझ पतित से दूर रही

पाप-श्राप कुछ शेष है शायद, कभी इसलिए मुझसे मिली नहीं||


पाप न उसको काट खाएगा

बेवजह मेरी माँ डरी 

भस्म न होगी श्राप-शक्ति से, घबराने की इसमें बात नहीं||


याद न आया अब तक था जो

उसको मनाने आज चली 

जिस लक्ष्य को साध के चलता, छीनने उसको मुझसे चली||


महाविनाश की छटा है सर पर

सेना सब तैयार खड़ी 

महाशत्रु मेरा छोटा अनुज है, उसको बचाने की ये युक्ति सभी||


भय से एक माँ आज भरी

तज मुझको जो दूर खड़ी 

मुझे नहीं वो पुत्र बचाती, मित्र सयोधन की आस मैं ही||


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