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Ankit Tripathi

Romance

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Ankit Tripathi

Romance

इश्क़ पर इल्ज़ाम लगाने से रहा।

इश्क़ पर इल्ज़ाम लगाने से रहा।

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इस तरह का नाम तो मैं कमाने से रहा,

मैं अपने इश्क़ पर आरोप लगाने से रहा।


हुआ नाकाम भले मैं इस खेल में लेकिन

बा-खुदा मैं उसे बेकार तो बताने से रहा।


हर नए ज़िस्म को देख कर जो हो जाए,

ऐसे इश्क़ पर मैं ईमान तो लाने से रहा।


भीड़ को देखकर ये बदलने वाली दुनिया,

ऐसी दुनिया में खुद को आजमाने से रहा।


रुखसत होते देख जब रोई थी ये आँखें

उसके बाद मैं खुद को अब रुलाने से रहा।


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