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Ankit Tripathi

Romance

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Ankit Tripathi

Romance

होली 2020

होली 2020

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330

इस अधूरी सी ज़िन्दगी का साज़ है होली,

अंजान से भी पहचान का आगाज़ है होली।

रंगों से अपनी बात को कागज़ पे लिख दिया

किसी आशिक़ के दिल की आवाज़ है होली।


अब तलक तो बस रंग के त्योहार में है गुज़री

लेकिन अब किसी के इश्क़ के तहरीर में आई,

जब मिले है दो परिंदे खुशियों की डाली पर

तब ये कहीं जाकर के किसी ताबीर में आई।


राधा कृष्ण के जीवन का सच्चा प्यार है होली,

ब्रज की थिरकती गोपियों का श्रृंगार है होली।


रंगों का चमकना तेरे माथे का सिंदूर हो जैसे

मुझ अभागे पर चढ़ा तेरा फितूर हो जैसे

मै भी नशे में आ गया हूं यहां आज तेरे संग 

मेरे सिर पर चढ़ा है इश्क़ का सुरूर हो जैसे।


कई गुलाल में मिला हुआ प्यार है होली,

हर एक रिश्ते में मिठास का अंबार है होली।


तेरे आंचल के हर एक रेशे में मेरा नाम रहता है

मेरे होंठो पे तेरा ज़िक्र सुबह ओ शाम रहता है,

पोथी की हो चौपाई या ज़मजम का हो पानी

तेरी भोली सी सूरत में मेरा चारों धाम रहता है।


जो तू न हो तो फिर किस काम की होली,

रह जाएगी बस यह एक नाम की होली।


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