मैं बुरा भी नहीं।
मैं बुरा भी नहीं।
अच्छाई का मुझमें निशां भी नहीं ,
लेकिन हां आदमी मैं बुरा भी नहीं।
कुछ लोगों ने मुझको खुशबू कहा,
एक सच कहूं तो मैं हवा भी नहीं।
मंदिरों, मस्ज़िदों में है परेशान लोग,
दामन में फ़कीर की दुआ भी नहीं।
मुझसे दूर जाने लगे है मेरे अपने,
ख़ैर, मैंने तो उनको छुआ भी नहीं।
करके दुआ मेरे वास्ते थक गए हैं,
यूं हर किसी का मैं हुआ भी नहीं।
एक दफा दिल से ली विदा उसने,
इतना परेशां तो मैं हुआ भी नहीं।