ये देश मेरा।
ये देश मेरा।
ये देश जहां पर हम है अब
मिला नहीं आसानी से
इसकी आन की ख़ातिर
कितने खून बहे हैं पानी से।
आज़ादी की ख़ातिर कितनी
माँओं ने बेटे खोए हैं
बेटों ने भारत मां के लिए
धरती में मस्तक बोए हैं।
पंजाब से लेके कन्याकुमारी
कश्मीर की ये ठंडी वादी
भारतवासी मत भूलो तुम
आसान नहीं थी आज़ादी।
हे भारतवासी! तुम जात पात
और धर्म पर लड़ना छोड़ो
यूं नेताओं के चंगुल में आ
खुद में ऐसे भिड़ना छोड़ो।
याद करो तुम भगत सिंह को
गर वो भी स्वार्थ गरज पाते
गर बलिदान न देते अपना वो
तुम आज़ादी को न समझ पाते।
भारत माँ का धानी आंचल
रंग बिरंगा रहने दो, सब
रंग मिलाकर देश की ख़ातिर
लहराता तिरंगा रहने दो।।