हम पर नजर रखी जाए।
हम पर नजर रखी जाए।
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मेरी तनहाई की खबर रखी जाए,
हम पे भी अब नज़र रखी जाए।
जिंदगी जैसी भी है इक आस है,
झोपड़ी में भी अब बसर रखी जाए।
सुकूनत का क्या है बनेगा ही,
गर कुछ देर सबर रखी जाए।
सुबह की खातिर रात भर जगे हैं
ख्वाबों में उड़ाने गर रखी जाए।
लिखने को लिख देंगे हमें क्या है
दुनिया गर दर्द-ए-सर रखी जाए।
