आओ घर और मन का अंधकार भगाये घी के दिये जले फूलो घर सजे। आओ घर और मन का अंधकार भगाये घी के दिये जले फूलो घर सजे।
परिवार, गांव छोड़कर शहर जाते हैं आप के लिए, फिर ना जाने क्यूँ आप बड़े आदमी हमे ठुकरात परिवार, गांव छोड़कर शहर जाते हैं आप के लिए, फिर ना जाने क्यूँ आप बड़े आदमी...
आँखों से कभी अश्कों की नमीं नहीं जाती। आँखों से कभी अश्कों की नमीं नहीं जाती।
एक दीया किसी की झोपड़ी में जलाया नहीं शर्म नहीं आती क्या तुम्हे बस्तीयां जलाने में एक दीया किसी की झोपड़ी में जलाया नहीं शर्म नहीं आती क्या तुम्हे बस्तीयां जलाने...
मेरी तनहाई की खबर रखी जाए, हम पे भी अब नज़र रखी जाए। मेरी तनहाई की खबर रखी जाए, हम पे भी अब नज़र रखी जाए।