दीप से दीप जले
दीप से दीप जले
दिल से दिल मिले, दीप से दीप जले
दिवाली मे हर मुख मुस्कान खिले
हर घर हो रोशनी से जगमग
घर गरीबो हो खुशिया दीप से दीप जले।
मिट्टी घर ही नहीं झोपड़ी उजाला रहे
बच्चे जवान रहे मगन दीप से दीप जले
दुश्मनी दुर्दिन दुर्भिक्ष जल खाक हो
सुख शांति से घर भरे दीप से दीप जले।
मिले शकुन हर घर दरो दीवार मे
बने घर मंदिर जकार रहे दीप से दीप जले
आओ घर और मन का अंधकार भगाये
घी के दिये जले फूलो घर सजे।
दीप से दीप जले
रहे न कमी अन्न धन मंगल ही मंगल हो
हो भारत भाग्योदय गाँव शहर झिलमिल
दीप से दीप जले।
