इश्क ऐसा ही होता है
इश्क ऐसा ही होता है
तुमको मिलने से मुझे सुकून मिलता है,
तुम्हारी बातों से मेरी गमगीनी दूर होती है,
तुम्हारे मिलन के लिये तड़पता हूं जानेमन,
एतबार कर लो की इश्क ऐसा ही होता है।
तुम्हारे इंतजार से मन मायूस बनता है,
तुम्हारे ख्वाब मुझको हर रोज सताता है,
तुम्हारे लिए हर पल तरसता हूं जानेमन,
एतबार कर लो की इश्क ऐसा ही होता है।
तुम्हारी अदाओं से हम मदहोश बनते है,
बिना जाम पीये मुझको नशा चढ़ जाता है,
तुम्हारी खूबसूरती निंद हराम कर देती है,
एतबार कर लो की इश्क ऐसा ही होता है।
तुम्हारे बिन ये जीवन भी अधूरा लगता है,
तुम मेरे पास न हो तो सब वीराना लगता है,
क्यूं रहती हो मुझ से दूर ओ मेरी जानेमन,
"मुरली" तुम्हारी बांहों में सिमटना चाहता है।