हमराही
हमराही
तुमसे प्यार करने की मैं खता जो कर गयी
कहानी हमारी आग और पतंगे की हो चली
सदियों से बंजर पड़ी थी मेरे दिल की ज़मीं
तेरे प्यार की बारिश से उसमें आयी है नमीं
राह कुछ कठिन है हमारे इस प्यार की मगर
मंजिल तो पाकर ही रहेंगे चलकर इसी डगर।

