Dr. Priya Kanaujia
Tragedy Classics Crime
वो कहते हैं हम बदल नही पायेंगे तुम्हारे लिए प्यार में
उनको याद ही नहीं बदल दिया हमें उनके इजहार ने,
हमने चाहा ही नहीं कभी वो बदले खुद को हमारे लिए
हम मर मिटे सच्चे इश्क की तलाश में अब कैसे जिएं।
छल
कलयुगी प्यार
राह
ज़िद
मेरा मीत
वहम
अनकही
कड़वाहट
उलझन
मैं
मेरे सफ़र में मेरे पास जब सितारे थे निगाह मेरी उठी भी तो बस हवा के लिए मेरे सफ़र में मेरे पास जब सितारे थे निगाह मेरी उठी भी तो बस हवा के लिए
अब और दर्द की जगह भीतर है नहीं डर लगता है नई यादें बनाने से। अब और दर्द की जगह भीतर है नहीं डर लगता है नई यादें बनाने से।
अब प्यार में छलावा खुद अपने न समझ पाये। अब प्यार में छलावा खुद अपने न समझ पाये।
मैं भूत, वर्तमान भविष्य हूं मैं, कल, आज अभी हूं मैं स्त्री हूं...। मैं भूत, वर्तमान भविष्य हूं मैं, कल, आज अभी हूं मैं स्त्री हूं...।
अब कहां होती है महफिल दोस्तों की चौराहे पर। अब कहां होती है महफिल दोस्तों की चौराहे पर।
सांसों मैं यह खलील सी है बस यूँ ही तो नहींं। सांसों मैं यह खलील सी है बस यूँ ही तो नहींं।
हंसने को हुए हैं जब भी कभी, तभी आँखें हुईं है नम। बस आज की ही बात नहीं है .... हंसने को हुए हैं जब भी कभी, तभी आँखें हुईं है नम। बस आज की ही बात नहीं है ......
जो भी था, जैसा भी था.. वो साल भी तो अपना ही था ! जो भी था, जैसा भी था.. वो साल भी तो अपना ही था !
छलिया को सजा सुनाने वाले की कमी रही राम के युग में भी स्त्री के साथ बदी हुई छलिया को सजा सुनाने वाले की कमी रही राम के युग में भी स्त्री के साथ बदी हुई
अच्छा तो अपना गाओं ही था लोग कम चालक है लेकिन साथ देते फिरते हैं। अच्छा तो अपना गाओं ही था लोग कम चालक है लेकिन साथ देते फिरते हैं।
आँखों में उतरता दरिया बनकर दो लोग जो मिले थे कभी एक सफर में मंज़िल बनकर। आँखों में उतरता दरिया बनकर दो लोग जो मिले थे कभी एक सफर में मंज़िल बनकर...
खुदाई है खफा हमसे गुनाह ए इश्क हुआ हमसे। खुदाई है खफा हमसे गुनाह ए इश्क हुआ हमसे।
लेकिन मेरे हमसफ़र आपके इन्तज़ार के रहते ऐसा न हुआ। लेकिन मेरे हमसफ़र आपके इन्तज़ार के रहते ऐसा न हुआ।
पल दो पल झुलसे बेवजह सी कहानी पल दो पल झुलसे बेवजह सी कहानी
और उनकी प्यारी सी गुफ्तगू वो कैसे भुला दिया तुमने, इस दूरी की वजह किसको ठहराऊं मैं। और उनकी प्यारी सी गुफ्तगू वो कैसे भुला दिया तुमने, इस दूरी की वजह किसको ठहराऊ...
तुम कहाँ खो गये ये नहीं है पता, पर मेरे यादों मे हो भूल नहीं सकता. तुम कहाँ खो गये ये नहीं है पता, पर मेरे यादों मे हो भूल नहीं सकता.
सबके हाथ में है मोबाइल, जिससे दफन हुए जज़्बात।। सबके हाथ में है मोबाइल, जिससे दफन हुए जज़्बात।।
अब लौट आओ अपनी ही दुनिया में उसकी दुनिया में अब कोई और आ रहा है। अब लौट आओ अपनी ही दुनिया में उसकी दुनिया में अब कोई और आ रहा है।
तुम को झेला तो ये ख्याल आया ऐसा साल जिंदगी में क्यों आया। तुम को झेला तो ये ख्याल आया ऐसा साल जिंदगी में क्यों आया।
वो पल, वो बीता तन्हाई में आपका आगोश ना जीने देता है ना मरने के लिए छोड़ ता है। वो पल, वो बीता तन्हाई में आपका आगोश ना जीने देता है ना मरने के लिए छोड़ ता ह...