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Dr. Priya Kanaujia

Others classics tragedy action

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Dr. Priya Kanaujia

Others classics tragedy action

कलयुगी प्यार

कलयुगी प्यार

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सोच समझकर बन रहे हैं प्यार के जो रिश्ते आजकल,    

कोई देखता है सूरत तो कोई देखता है पैसों का लालच,

टिकते नही हैं वो रिश्ते जिनकी नींव में लगी हो दीमक            सिर्फ एक की ही कुर्बानी से नही होती प्यार की चमक,  

कोई रातभर जाग के रोता है प्यार के बोल की आस में,

चैन से सोता है कोई करके झूठे वादे एक मुलाकात के।



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