Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Dr. Priya Kanaujia

Others classics tragedy action

4  

Dr. Priya Kanaujia

Others classics tragedy action

कलयुगी प्यार

कलयुगी प्यार

1 min
408


सोच समझकर बन रहे हैं प्यार के जो रिश्ते आजकल,    

कोई देखता है सूरत तो कोई देखता है पैसों का लालच,

टिकते नही हैं वो रिश्ते जिनकी नींव में लगी हो दीमक            सिर्फ एक की ही कुर्बानी से नही होती प्यार की चमक,  

कोई रातभर जाग के रोता है प्यार के बोल की आस में,

चैन से सोता है कोई करके झूठे वादे एक मुलाकात के।



Rate this content
Log in