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Arun Gode

Tragedy

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Arun Gode

Tragedy

जनलोकपाल.

जनलोकपाल.

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अन्ना आंदोलन का लक्ष्य था जन लोकपाल का गठन,

आम जनता को मिले न्याय, राशन और सुशासन।

जड़ से उखड़ जाएगा काला धन, भ्रष्टाचार और कुशासन,

लेकिन काला धन, भ्रष्टाचार और कुशासन हुआ गतिमान।


जन आंदोलन के सहारे कई नेताओं के साकार हुये स्वप्न,

जिन्होंने दिखायें थे बड़े -बड़े आम जनता को हरे-भरे स्वप्न।

सपनों के सौदागरों के सपने हुए साकार और नाम हुए रोशन,

लेकिन आम जनता के सपने हो गए हैं चुर-चुर और दफन। 


महंगा पड़ा उसे सिर पे बांधना लोकपाल का कफन,

हर जनआंदोलन का नतीजा हमेशा होता हैं एक समान।

आम जनता के हिस्से में आता सिर्फ खाली आश्वासन,

देशवासियों का होता हैं सिर्फ मोह भंग और नुकसान।


उनके त्याग, श्रम और बलिदान के लिए नहीं मिलता कोई तावान,

कसम खाता हैं आम आदमी, नहीं करना दुबारा ऐसा पागलपन।

क्योंकि क्रूर ,कठोर निर्दयी और बेरहम होता हैं राजनेता व प्रशासन ।

अन्ना आंदोलन स्थापित हुआ बेअसर , दिशाहीन, तर्कहीन व बेईमान।


अन्ना आंदोलन ने लाया देश में नया अनोखा परिवर्तन,

राजनीतिक मैदान में हो रहे हैं सिर्फ भजन –कीर्तन।

देशी आम आदमी का सस्ता, आसान हुआ हैं मरण,

क्योंकि जान से महंगा हुआ हैं भाषण और राशन।



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