जला है पतंगे के जैसा 'निधी' दिल, इसे प्यार में आजमाना गलत था। जला है पतंगे के जैसा 'निधी' दिल, इसे प्यार में आजमाना गलत था।
ये जो प्रेम के धागे है हम इंसानों में ही गांठ लगाते हैं ये जो प्रेम के धागे है हम इंसानों में ही गांठ लगाते हैं
शहर गाँव हर तरफ उठता धुआँ। ख़ुदा इस जहाँ को क्या हो गया। शहर गाँव हर तरफ उठता धुआँ। ख़ुदा इस जहाँ को क्या हो गया।
पतंगा जीवन ये तुम्हारा सबसे अलग सबसे न्यारा। पतंगा जीवन ये तुम्हारा सबसे अलग सबसे न्यारा।
दीपशिखा तो कर्म निरत है क्यों जलता पागल परवाना। दीपशिखा तो कर्म निरत है क्यों जलता पागल परवाना।
तुमसे प्यार करने की मैं खता जो कर गयी कहानी हमारी आग और पतंगे की हो चली सदियों से बंजर पड़ी थी म... तुमसे प्यार करने की मैं खता जो कर गयी कहानी हमारी आग और पतंगे की हो चली सदिय...