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हमारे साथ ही चलती रही

हमारे साथ ही चलती रही

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हमारे साथ ही चलती रही हमारी परेशानियाँ,

गुजरता वक्त भी छोड़ता गया उनकी निशानियाँ।


न इस दिलने कभी कोई आरज़ू की थी,

न ख्वाब में भी कोई जुस्तजू की थी।

फिर वक्त की ये कैसी हम पर मेहरबानियाँ,

हमारे साथ ही चलती रही हमारी परेशानियाँ।


अजी तकदीर, सुन तुमसे कुछ कहना है,

सुनकर तुम्हारी आँख में भी आँसू बहना है।

फिर कभी न कर पाओगे ऐसी गुस्ताखियाँ,

हमारे साथ ही चलती रही हमारी परेशानियाँ।


जहर जिंदगी का ख़ुशी से पी लेंगे हम,

और साँस से नाता रखेंगे हम हरदम।

वक्त दोहरा न पायेगा कभी हमारी "कहानियाँ,

हमारे साथ ही चलती रही हमारी परेशानियाँ।


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