तुम्हें आना चाहिए,
तुम्हें आना चाहिए,
अब तो तुम्हें आना चाहिए,
बांसुरी मधुर बजाना चाहिए।
कलियुग बहुत लंबा चला,
अब सतयुग लाना चाहिए।
दुःख दर्द से सब दब रहे हैं,
उंगली से पर्वत उठाना चाहिए।
अंधकार बहुत गाढ़ा हुआ,
दिया वचन, निभाना चाहिए।
प्रेम के सब सुख गए पौंधे,
जग को वृन्दावन बनाना चाहिए।