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Aishani Aishani

Romance Fantasy

3  

Aishani Aishani

Romance Fantasy

हम-तुम

हम-तुम

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हम और तुम जैसे... 

किसी ऊँचे पर्वत से 

झर झर कर झरता इक झरना

जैसे.. 

सुदूर कहीं ढलते हुए सूरज का

गगन मंडल में फैला हुआ प्रकाश

कि जैसे... 

धरती के ललाट पर अंबर द्वारा 

जड़ा गया विस्मृत होता चुंबन

या फिर... 

इक दूजे में लीन 

संध्या के दीया और बाती..!!

इक दूजे में 'जागृत' सदा से लीन 

हम तुम...!! 



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