रवि सा तेज लिए ललाट पर रंगभूमि में वह कौन आया है रवि सा तेज लिए ललाट पर रंगभूमि में वह कौन आया है
दो हृदय एक ही डोर जुड़े तन, प्राण एक बन जाए क्यों कहने को तो, एक बंधन ये मन हर्षित बंधना चाहे ... दो हृदय एक ही डोर जुड़े तन, प्राण एक बन जाए क्यों कहने को तो, एक बंधन ये म...
धरती के ललाट पर अंबर द्वारा जड़ा गया विस्मृत होता चुंबन धरती के ललाट पर अंबर द्वारा जड़ा गया विस्मृत होता चुंबन
मेहनतकश स्त्री के चेहरे पर पसीना भी जंचता है, मेहनतकश स्त्री के चेहरे पर पसीना भी जंचता है,
अपनी भाषा हेतु क्यों कर रहे हैं सब अपना मन मैली ? अपनी भाषा हेतु क्यों कर रहे हैं सब अपना मन मैली ?
मैं बन जाऊँ रौनक तुम्हारे घर की, तुम सुरक्षा गेट बनो मैं बन जाऊँ रौनक तुम्हारे घर की, तुम सुरक्षा गेट बनो