हम हैं बेटे आजादी के
हम हैं बेटे आजादी के
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हम हैं बेटे आजादी के, देखी नहीं गुलामी हमने
पढ़ी-सुनी हैं विगत काल की, लेकिन करुण कहानी हमने।१
मिले हमें कुछ लोग जिन्होंने, भोगे थे पल विस्थापन के
उनकी यादों में देखे हैं, दुखड़े हमने उनके मन के।२
सदी नहीं पौनी भी गुजरी, लगी लड़खड़ाने आजादी
विस्थापन अब नई तरह का, लेकर आया है बर्बादी।३
रक्तपान में जिनको रुचि थी, वे बनकर उभरे बलशाली
आकर एक महामारी ने, उनकी असली साध संभाली।४
विस्थापन का दंश देश का, श्रमिक अकेला झेल रहा है
खेल खुशी से अपना मुखिया, लुकाछिपी का खेल रहा है।५
खड़ी हो गई मौत सामने, लगभग आधी आबादी के
जिसके हाथ डोर है वह खुद, दबा रहा है गले सभी के।६
अपनी आंखों से हम भी अब, देख रहे हैं वह बंटवारा
जिसके बाद विखंडित होगा, जीवन का व्यवहार हमारा।७
तब खंडित भूगोल हुआ था, अब खंडित मानवता होगी
व्यथा सभी ऐसी भोगेंगे, जैसी नहीं आज तक भोगी।८
वैसे तो हम थे अनेक ही, एक साथ में रहना सीखा
हुआ नहीं था बटवारा पर, आपस में इस बार सरीखा।९
टूट गए हैं मानवता के, जो महीन-से तार बचे थे
संकट में हैं श्रमिकों के जो, थोड़े-से अधिकार बचे थे।१०
जिसको काम दिया था हमने, आजादी की रखवाली का
पता न था सौदागर होगा वही गुलामी बदहाली का।११