हिन्दी
हिन्दी
कितनी सुंदर प्यारी प्यारी
देखो कितनी निराली हिन्दी
दुनिया के माथे मर जैसे
चमक रही हो चम चम बिन्दी,
हिन्दी में प्राण बसे है,
सब हिन्दी के साथ चले हैं,
मां को मां बुलाती हिंदी,
मेरे मन को भाती हिन्दी,
कवियों को मनभायी हिंदी,
सूरदास और मीरा ने गाई हिन्दी,
गीत भजन और आरती में,
हर जगह पे हमने पाई हिन्दी।