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Sonam Kewat

Tragedy

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Sonam Kewat

Tragedy

हिन्दी (एक मातृभाषा)

हिन्दी (एक मातृभाषा)

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भाषाओं अनेक थीं भारत में पर,

सब एक है ये हिन्दुओं का नारा था।

भाषाओं की जान थीं हिंदी और,

हिन्दी सभी को जान से प्यारा था।


रत्नों में रत्न एक सोना बना फिर,

आजाद सी चिड़िया का नाम दिया।

अंग्रेजों की हुकूमत आयीं तो,

सोने की चिड़िया को गुलाम किया।


चुराकर धरोहरों को भारत सें फिर,

अंग्रेजों ने अपना खूब प्रचार किया।

हिन्दी भाषा की काबिलियत में,

अंग्रेजी़ का फिर विचार किया।


इंटरनेशनल अब भाषा अंग्रेजी,

हिन्दी का पुराना सम्मान कहाँ ?

जो गर्व था कभी मातृभाषा का,

लोगों में ऐसा अभिमान कहाँ ?


शर्म ना करो भारत माता पर,

हिन्दी भाषा जिनकी जान हैं।

सर उठाकर गर्व करो और कहों,

हिन्दी हमारी आन बान और शान हैं।


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લોગિન

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