भुखमरी एक ज्वलंत समस्या !
भुखमरी एक ज्वलंत समस्या !
कोरोना ने जो भुखमरी फैलाई है
ऐसी विपति ना धरती पे कभी आई है
चारो तरफ व्यवसाये ठप बेरोजगारी है
मानवता ने अमीरो से गुहार लगायी है
मदद करो मदद करो,
पेट की इस आग को खत्म करो
चाहे हो विपदा या कोई महामारी
पिसता गरीब वर्ग और देहारी
अमीरो पैसा रख के क्या ले जाओगे,
हमको खाना दे दो लाख दुवायें पाओगे
सारे आगों पर भूख की आग है भारी,
हृदय विरल हो जाता है देख के गरीबो की लाचारी
सुखी रोटी और प्याज से खुशी मिलती है जिनको
पकवान और छपन् भोग ना चाहिए इनको
पत्थर की मूर्ति पे जो देते है दान,
क्या फायदा ऐसी पूजा जब चहुंओर मर रहा इंसान
मैं नहीं कहता मै इस भीड़ से अछूता हूँ,
अमीरों की भीड़ में देवता हूँ
किसी एक से ना ये समस्या सुधरेगी,
सबके नवचेतन पर बात बनेगी
कोई चीखो चिल्लाओ ये बात बताओ,
दुखियारो की व्यथा को सरकार तक पहुँचाओ
मानवता को मत होने दो शर्मशार,
भोजन मिलना है सबका अधिकार
किसी के बच्चे पिज़्ज़ा पूरी खाये,
किसी की औलाद रोये सारी रात
अभी न समझे तो हो जायेगी देर
मौत नाचेगी सरेआम होंगे लाशों के ढेर।
