मंजिलें और भी हैं
मंजिलें और भी हैं
सच को तमीज ही नहीं
बात करनेे की,
झूठ को देखो
कितना शोर मचाता है,
और तो और
मंजिलें भी पाता है।
मेरेेे पास बताने को,बातें और भी हैं
जद्दोजेहद जिंदगी में थकना नहीं यारों
चलतेे रहना, चलनाा ही जिंदगी है
मंजिलें पाने के लिए,मंजिलें और भी हैं।