हद कर दी आपने
हद कर दी आपने
एक लड़की ने जान अपनी गँवाई
कितनी दर्दनाक मौत उसने है पाई
हंसती खेलती लड़की लाश बन गई
ना जाने कितने टुकड़ों में बंट गई
मौत की उसपर ऐसी सियासत हुई है
जिसने गँवाई जान वही बदनाम हुई है
उन लड़कों का बहकना अब नज़र नहीं आ रहा
हर कोई लड़की पर ही उँगली उठा रहा
देर से घर क्यों आई, शराब क्यों उसने चढ़ाई
ऐसा तो होना था जब मर्यादा उसे नज़र ना आई
ऐसे अगणित तंज उसपर कसे जा रहे है
बार बार उस बच्ची पर उँगली उठा रहे है
पहले उसके जिस्म के चिथड़े उड़े थे
अब उसके चरित्र के चिथड़े उड़ा रहे है
क्या पार्टी करना कोई गुनाह है
क्या शराब पीना कोई गुनाह है
फिर तो दोनों पक्ष इस गुनाह के भागीदार है
फिर क्यों लड़की ने ऐसी दर्दनाक मौत पाई
क्यों उन लड़कों की तरफ कोई उँगली ना उठ पाई
उस लड़की के चरित्र की कितनी बार हत्या कर दी आपने
आपके घर में भी बहन बेटी फिर क्यों हद कर दी आपने।