गुजरे ज़माने है
गुजरे ज़माने है
वो चांदनी चौक वो लाजपत नगर
सब बिसरी पुरानी यादें है
खड़े चौराहे पे सोच रहे है
कहाँ वो पुराने ज़माने है
वो डाले यारों के हाथों में हाथ
लगते सब अब ख़्वाब पुराने है
हम खड़े आज भी उनकी तलाश में
वो यार निकल गये नज़र चुराये है
मिल गये है यार नए उनको अब
हम तो गुजरे हुए ज़माने है...!!
