STORYMIRROR

नवल पाल प्रभाकर दिनकर

Drama Tragedy

2  

नवल पाल प्रभाकर दिनकर

Drama Tragedy

गरीबी तू जा

गरीबी तू जा

1 min
14.2K


वाह गरीबी

क्या पायेगी तू

एक गरीब के घर जन्म लेकर


दो वक्त की रोटी जिसे

खुद भी गंवारा नही

क्या तुझे वो सुख देगा

जो तेरे हैं ठाठ-बाठ

क्या तुझे वो दे पायेगा


फिर क्यों तू

आती है ऐसे

जैसे सजधज नार नवेली

देकर चंद खुशियां तू

छिन लेती जीने का सहारा


आँखों में बसने वाली

आशाओं का वो तारा

टिमटिमाकर बुझ जायेगा

उनका आशा रूपी वह तारा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama