मेरा परिचय प्रकाशित पुस्तकें 1 यादे (काव्य संग्रह) 2 उजला सवेरा (काव्य संग्रह) 3 नारी की व्यथा (काव्य संग्रह)
आँखों में बसने वाली आशाओं का वो तारा टिमटिमाकर बुझ जायेगा उनका आशा रूपी वह तारा। आँखों में बसने वाली आशाओं का वो तारा टिमटिमाकर बुझ जायेगा उनका आशा रूपी वह ता...
बदलते परिवेश में बदले सारे देश धरती बदली मानव बदला बदला सबका भेष। बदलते परिवेश में बदले सारे देश धरती बदली मानव बदला बदला सबका भेष।
फिर तुमने अपने इस तन की क्या मामूली सी कीमत लगाई है। फिर तुमने अपने इस तन की क्या मामूली सी कीमत लगाई है।
तुम हमेशा खुश रहो, राखी भले ही बहन मेरी कच्चे धागे की हो । तुम हमेशा खुश रहो, राखी भले ही बहन मेरी कच्चे धागे की हो ।
धूल के अन्दर रह गया हूँ आज मैं फंसकर । धूल के अन्दर रह गया हूँ आज मैं फंसकर ।
और कुछ देने को आतुर हो अपने अन्दर भरे पड़े अथाह गहन धन कोष से शंख सिपियां बिखेर जाती हैं। और कुछ देने को आतुर हो अपने अन्दर भरे पड़े अथाह गहन धन कोष से शंख सिपियां बिख...
गहरे घने बादलों में एक बूंद थी अटकी। गहरे घने बादलों में एक बूंद थी अटकी।
जीवन पानी पर लहरों-सा इस कोने से शुरू होकर जो उस कोने पर समाप्त हो जाता। जीवन पानी पर लहरों-सा इस कोने से शुरू होकर जो उस कोने पर समाप्त हो जाता।
देखते आसमान के तारों को मन में नही होता उनके चैन गौधूली के समय से ही लगे हैं खेलने अपना खेल । देखते आसमान के तारों को मन में नही होता उनके चैन गौधूली के समय से ही लगे हैं ...
कौन कहता है पत्थर नही रोता रोता तो बहुत है मगर उसके रोने का हमें एहसास नही है होता...। कौन कहता है पत्थर नही रोता रोता तो बहुत है मगर उसके रोने का हमें एहसास नही है...