राखी
राखी


राखी भले ही बहन मेरी
कच्चे धागे की हो
पर हमारा हृदय और रिश्ता
पक्की नींव पर टिका हो ।
पुराने उसूलों पर
नाजुक डोरी से बंधा
टूट कर ना बिखरने वाली
ये हमारा पाक रिश्ता
पाक ही हमेशा बना हो।
राखी भले ही बहन मेरी
कच्चे धागे की हो ।
लेने और देने से बहना
क्या रिश्ता पगाढ़ बनेगा
माना बांधेगी सोने की राखी
क्या उससे हर बला हटेगी ?
रक्षासूत्र ओ बहना
बस तेरी दुवाओं को हो
राखी भले ही बहन मेरी
कच्चे धागे की हो ।
लाज रखूंगा मैं तेरी
जब भी पुकारेगी तु मुझे
हर उस मोड़ पर मिलूंगा
राह ना सूझे जहां तुझे
तुम हमेशा खुश रहो,
राखी भले ही बहन मेरी
कच्चे धागे की हो ।