STORYMIRROR

Kanchan Prabha

Tragedy Crime

4  

Kanchan Prabha

Tragedy Crime

गौ माता कंचन प्रभा

गौ माता कंचन प्रभा

1 min
315

हिंदुओं की बात तब तक अधुरी है 

अब तो गौ माता की रक्षा जरूरी है।

माँ के जैसी जो करुणामयी है

ना ये कहानी कोई नयी नयी है।


बरसों से गौ माता पर अत्याचार हुआ है

क्यों ना किसी का दिल ये देख कर रोया है ।

ढ़ेरों योजना चलती है पर काम अधूरा रह गया है 

इन्सान खुद भी एक जानवर बन कर रह गया है।


निर्बल पर जो करे प्रहार बेरहमी की हद हुई।

धरातल पर वो सारी की सारी योजना भी तो रद हुई।

क्रुर इतना क्यों हुआ है मानव क्यों ना समझे बात जरा 

धरती के हर दोष का धरती पर पाप की गठरी भरा।


जो माँ हमको ढूध पिलाए उसका यूँ अपमान हुआ।

अपने ही औलाद के हाँथों मुश्किल में वो जान हुआ।

गाय हमारी माता है ये बचपन से पाठ पढ़ा हमने।

जान बुझ कर क्यों आखिर फिर ये षड्यंत्र रचा हमने ?


तस्करी छिप कर हो रहा, क्यों ना कोई आवाज उठाये ?

क्यों ना किसी का दिल पिघले, क्यों ना कोई राज उठाये ?

गौ माता की करके पूजा हे मानव तुम कल्याण करो ।

थोड़ी अपनी सोच सुधारो मानवता का ध्यान रखो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy