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फ़साना

फ़साना

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दो दिन की जिंदगी का

बस इतना सा फसाना है

आने के बाद नहाये थे

जाने के बाद नहाना है।


लब से बात ना करो

निगाहें ही काफी है

जिंदगी की बात ना करो

एक लम्हा ही मुनासिब हैं।।


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