एक जिंदगी इकरारती सी
एक जिंदगी इकरारती सी
एक जिंदगी ऊँघती सी
एक जिंदगी हाँफती सी
एक जिंदगी जागती सी
एक जिंदगी भागती सी
कभी सपनों में ही
जिंदगी को तलाश सी
वक्त के थपेड़ों से जूझती सी
कभी और के तो
कभी अपने ही दम को आँकती सी
जतनों से बनाए
रेत के घरोंधें को उजाड़ गई
उन्हीं लहरों को निहारती सी
बचपन की यादों को
एक जिंदगी बुढ़ापे तक संवारती सी
गेंद की तरह उछलती
मां के हाथों दुलारती सी
अपने ही दुखों से बोझिल
खुद को ही जिंदगी पुचकारती सी
हौसलों से ही हौसला है
एक जिंदगी इकरारती सी।