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Sushant Kushwaha

Abstract

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Sushant Kushwaha

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तेरी सौगात होगी

तेरी सौगात होगी

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जिंदगी ही मेरी तेरी सौगात होगी

रहूँगा जहाँ मैं बस तेरी बात होगी


हर मुश्किल को हँसके गुज़ार लूँ

तुम्हारी मोहब्बत अगर साथ होगी


दिन के गलियारों में थक न जाना

थोड़ी सी इंतजार है बस रात होगी


बिछड़े हुए हो ना जमाना अभी

सदियों बाद मिले हों ऐसी मुलाकात होगी


भटक गए रास्ते दोनों के मग़र

लगता है मंजिल पर ही मुलाकात होगी।


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