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Lokanath Rath

Abstract

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Lokanath Rath

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जिन्देगी एक आईना...

जिन्देगी एक आईना...

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जिंदगी एक आईना है 

टूटने से बिखर जाता है, 

जब कभी इसमें झाकने पे 

पल पल की बातेतें दिखलाता है. 

ज़िन्दगी एक आईना है... 

पास जाने पे कुछ कहता है  

समझ के भी नासमझ होते हैं, 

दूर जाके देखने पे 

बहुत मुश्किल मे पड़ जाते हैं. 

ज़िन्दगी एक आईना है... 

कभी कभी ये ख्याल आता है 

ऐसे कैसे हो जाता है, 

कभी खुशी कभी गम की 

खेल मे अपनी सब लुटाता है. 


ज़िन्दगी एक आईना है...... 

बचपन की वो यादें या 

जवानी की नादानियाँ, 

परिवार की अपनापन 

सारे कर्म करवाता है. 

जिंदगी एक आईना है... 

सारे खेल इसके अतीत मे

 

कैद, कोई देख ना पाता है, 

जब खुद चाहे तो 

उसे ये सब कुछ दिखलाता है. 

ज़िन्दगी एक आईना है... 

समय के साथ बड़ा अच्छा रिश्ता

साथ साथ चलते रहता है, 

बुढ़ापे के दर्द सहा नहीं जाता 

बिच मे समय का साथ छोड़ देता है. 

ज़िन्दगी एक आईना है... 

ये सच है आईना सच दिखलाता है 

ज़िन्दगी जीने की है यारों, 

खुशियाँ बांटो ना बंधन काटो 

कुछ पल की बात है यारों 

अच्छी से सजायो किसीकी नजरों से ना हटो. 

ज़िन्दगी एक आईना है... 

अपनी मतलब छोड़ो 

कुछ दूसरों की भी सोचो, 

समय के साथ छूटने से भी 

दूसरों के यादों मे तुम बसों. 

ज़िन्दगी एक आईना है!


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