ए वक़्त!!!
ए वक़्त!!!
ए वक़्त !
जो तू गुज़रा है ,
तो ले गुज़र सारी ख्वाहिशें,
ये जो अधूरे से हैं, तो मैं टूटी सी हूँ।
ए वक़्त !
जो तू गुज़रा है ,
तो ले गुज़र सारी राहें,
ये जो उलझे से हैं, तो मैं भटकी सी हूँ।
ए वक़्त !
जो तू गुज़रा है ,
तो ले गुज़र मेरी कलम,
ये अल्फ़ाज़ उदास लिखते हैं,
मैं आंसू विगलित होती हूँ।
ए वक़्त !
जो तू गुज़रा है,
तो ले गुज़र मेरे एहसास,
ये सीने में छिपे रहते हैं,
घूंट घूंट दर्द को पीती हूँ।
ए वक़्त !
जो तू गुज़रा है ,
तो ले गुज़र मेरी वफ़ाएँ,
वफ़ा से वस्ल मुकम्मल तो हुआ नहीं,
हर लम्हा हिज्र निभाये जलती हूँ।
ए वक़्त !
जो तू गुज़रा है ,
तो ले गुज़र मेरी रातें,
बेसंगत बेबसी से लिपटे,
बेसबब यूँ ही बिखरती हूँ ।
ए वक़्त !
जो तू गुज़रा है ,
तो ले गुज़र मेरी सांसें,
जिंदगी जो हर पहर चुनौती दे,
तो मैं तिलमिला इसे जीती हूँ।
ए वक़्त !
जो तू गुज़रा है ,
तो ले गुज़र मुझे,
मैं तेरे पग के निशान पर ,
गुज़र जाना चाहती हूं।

