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Sonam Rout

Romance Fantasy

4  

Sonam Rout

Romance Fantasy

ए वक़्त!!!

ए वक़्त!!!

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ए वक़्त !

जो तू गुज़रा है ,

तो ले गुज़र सारी ख्वाहिशें,

ये जो अधूरे से हैं, तो मैं टूटी सी हूँ।


ए वक़्त !

जो तू गुज़रा है ,

तो ले गुज़र सारी राहें,

ये जो उलझे से हैं, तो मैं भटकी सी हूँ।


ए वक़्त !

जो तू गुज़रा है ,

तो ले गुज़र मेरी कलम,

ये अल्फ़ाज़ उदास लिखते हैं,

मैं आंसू विगलित होती हूँ।


ए वक़्त !

जो तू गुज़रा है,

तो ले गुज़र मेरे एहसास,

ये सीने में छिपे रहते हैं,

घूंट घूंट दर्द को पीती हूँ।


ए वक़्त !

जो तू गुज़रा है ,

तो ले गुज़र मेरी वफ़ाएँ,

वफ़ा से वस्ल मुकम्मल तो हुआ नहीं,

हर लम्हा हिज्र निभाये जलती हूँ।


ए वक़्त !

जो तू गुज़रा है ,

तो ले गुज़र मेरी रातें,

बेसंगत बेबसी से लिपटे,

बेसबब यूँ ही बिखरती हूँ ।


ए वक़्त !

जो तू गुज़रा है ,

तो ले गुज़र मेरी सांसें,

जिंदगी जो हर पहर चुनौती दे,

तो मैं तिलमिला इसे जीती हूँ।


ए वक़्त !

जो तू गुज़रा है ,

तो ले गुज़र मुझे,

मैं तेरे पग के निशान पर ,

गुज़र जाना चाहती हूं।



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