दुनिया रे दुनिया
दुनिया रे दुनिया
दुनिया रे दुनिया
कैसी है यह दुनिया
पैसे वालों की यह दुनिया
दुनिया बनाने वाले
क्या तेरे मन में समाई
कैसी यह दुनिया बनाई
यह दुनिया जहाँँ पैसे वाले हैं
गरीब हैं
जहाँँ इंसानियत गायब हो गई है
दुनिया रे दुनिया
कैसी है यह दुनिया
जहाँँ छूटा है प्यार
जहाँँ मज़हब के लिये मार पीट है
जहाँँ लोग मतलबी हैं
ए दुनिया बनाने वाले
बदल दे दुनिया
जहाँँ प्यार ही प्यार हो
दुनिया बनाने वाले
क्या तेरे मन में समाई
कैसी यह दुनिया बनाई !