महामारी जो आज है पूरी दुनिया में फैली... उसे हम सबको मिलकर है हराना है ! महामारी जो आज है पूरी दुनिया में फैली... उसे हम सबको मिलकर है हराना है !
मेरे आँगन में बिख़री ख़ामोशी को समेट दे आकेतेरे बाद, मेरे घर में तन्हाई का वास हो गया है मेरे आँगन में बिख़री ख़ामोशी को समेट दे आकेतेरे बाद, मेरे घर में तन्हाई का वास हो ...
एक ग़ज़ल...। एक ग़ज़ल...।
खूबसूरती...। खूबसूरती...।
भीड़...। भीड़...।
बेकार ही विवाद निकल आते हैं...! बेकार ही विवाद निकल आते हैं...!