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Dr Rajmati Pokharna surana

Romance

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Dr Rajmati Pokharna surana

Romance

दस्तक देता है

दस्तक देता है

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पत्थर के शीशे पर अब भी दस्तक देता है, 

गलियों का सूनापन मन को अजाब देता है। 


नदियाँ खुद अपना रास्ता बनाती हैं बहते हुए, 

दरिया हो या पहाड़ कब उसे रास्ता देता है। 


हर जज़्बातो का एलान ऑखे ही तो करती है, 

दर्द का सैलाब दिल में तो चेहरा बयाँ कर देता है। 


महसूस करता है दिल खुबसूरत बहारों में, 

तब मौसम ए गुल तेरे आने का संदेश देता है। 


प्यार की पुरवाई बासंती हवाओं में छाती है, 

दीवानगी की हदे पार करता दिल रो देता है। 


धानी चूनर से सजी धरा,क्यारियाँ करती श्रृंगार, 

तेरे कदमों की आहट दिल को बावरा बना देता है। 


घिर जाता है दिल तब तेरे ही खयालो में रात दिन, 

मुहब्बत में मुझे वो तेरा शाहजहाँ बना देता है। । 



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