दोस्ती
दोस्ती
दिल का विशेष रिश्ता दोस्ती है,
एक ऐसा बंधन जिसमें कोई बंधन नहीं है।
दोस्ती हर किसी का साथ सहारा है,
दोस्ती जैसा अन्य रिश्ता मनभावन नहीं है।
अनजान लोगों से मिलते है हम,
फिर वही खुशियों के पहचान बन जाते है।
जिससे कुछ भी बोल सकते है,
जो हमारे दिल का अरमान बन जाते है।
दोस्ती शब्द में ही सुकून निहित है,
दोस्ती ही खुशियों का करता है विस्तार।
जितना एक दोस्त करता है,
कोई दूजा उतना नहीं करता है प्यार।
दोस्ती सिर्फ देना जानता है,
दोस्ती पर लोग जान कर देते है निसार।
दोस्ती हमेशा साथ निभाता है,
दोस्त पर होता भी है हमें हमेशा एतबार।
दोस्त न हो तो किसी बताएंगे हम,
अपने दिल की बात और दिल के हाल।
दोस्त हर बात सुनता है और,
करता भी नहीं है परेशानी वाला सवाल।
परेशान होने से हमें बचाता है,
दोस्त रखते हैं हमेशा हमारा ख्याल।
तभी दोस्ती का विशेष महत्व है,
दोस्ती को रिश्ते में कहते हैं बेमिसाल।
दोस्त के साथ में रहते हैं तो,
रहते हैं हम हमेशा अक्सर खुशहाल।
दोस्त ही तो खुशियों का कारण है,
अपने निश्छल प्रेम से करते हैं निहाल।
जब से दोस्तों से मिला हूं मैं प्रकाश,
मेरी आंखों में गम का सावन नहीं है।
दिल का विशेष रिश्ता दोस्ती है,
एक ऐसा बंधन जिसमें कोई बंधन नहीं है।
