STORYMIRROR

Prakash kumar Yadaw

Romance Fantasy

4  

Prakash kumar Yadaw

Romance Fantasy

प्यार की राह

प्यार की राह

1 min
289

जब से आया हूं प्यार की राह में,

तब से जिंदगी है खुशियों की पनाह में।

तुम हो जिंदगी से भी बढ़कर,

मुझे रहना है सिर्फ तुम्हारी ही चाह में।


चलो संग संग ख़्वाब सजाए,

जिंदगी को हर ख़्वाब से हम महकाए।

मिटा देते हैं अपनी हर दूरी,

एक दूजे के रंग में हम साथी रंग जाए।


ये दिल मेरा झूम रहा है,

प्यार के हसीं नगमे को साथी सुनकर।

मैं तुम्हारे प्यार में मदहोश हूं,

बहुत पुलकित हूं तुम्हें साथी चुनकर।


अपने सीने से लगा लो मुझे,

होंठों को होंठों का तुम जाम दे दो।

तुम सिर्फ़ और सिर्फ मेरी हो,

मेरे नाम के साथ तुम अपना नाम दे दो।


दिल जो चाहता है वही,

सब कुछ भूलकर तुम पयाम दे दो।

दो से चलो एक हो जाते हैं,

आशिक़ी का मुझे तुम पैगाम दे दो।


आत्मा को आत्मा से मिलने दो,

भर लो मुझे आज तुम अपनी बाह में।

जब से आया हूं प्यार की राह में,

तब से जिंदगी है खुशियों की पनाह में।

तुम हो जिंदगी से भी बढ़कर,

मुझे रहना है सिर्फ तुम्हारी ही चाह में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance