अटल सौगंध
अटल सौगंध
अटल सौगंध
एक राष्ट्र है , एक जन्म है,
एक आत्मा और एक रब है,
एकता के भाव जुटाकर,
भाईचारे का मार्ग दिखाते हैं,
अटल सौगंध ये हम खाते हैं।
गौरवमई वीर- सपूतों ने,
माँ को आजाद कराया था,
द्वेष लालच की जंजीर तोड़कर,
हम सच्ची आजादी चाहते हैं,
अटल सौगंध ये हम खाते हैं।
लेकर प्ररेणा राष्ट्र प्रेम की,
हम फैलेंगे दसों दिशाओं में,
लहरेगा विश्व तिरंगा अपना,
जन-जन को चेतना चाहते हैं,
अटल सौगंध ये हम खाते हैं।
जन-गण- मन के गान से,
गूँजेगा ब्रह्मांड अब सारा,
मेहनत की मशाल जलाकर,
आत्मनिर्भर के तट खेते हैं,
अटल सौगंध ये हम खाते हैं।
सर्व धर्म समभाव पर चलकर,
नया जहाँ बसाना चाहते हैं,
जनमत का विश्वास जीतकर,
अहिंसा का मार्ग दिखाते हैं,
अटल सौगंध हम खाते हैं ।