नमन
नमन
कुर्बान हुए जो अपने वतन के खातिर
कभी उन्हें भी नमन कर लिया करो !
तपती धूप, जाड़े की ठंड, तूफान एवं बरसते
बादलों के नीचे खड़े उस जवान को
कभी दिल से धन्यवाद तो कर लिया करो !
उस मां की कोख, जो सुनी रह गई है,
उसे कभी दिल से सलाम तो कर लिया करो !
खुशनसीब है वह पिता जिसके अंश का लहू
देश के काम था आया !
ए दोस्तो, कभी उस पिता के छुपे आंसुओं को
पोंछ तो लिया करो !
शहीद, दोस्त के सूनेपन को
कभी महसूस तो कर लिया करो !
रक्षाबंधन के पर्व में आए उस बहन की
आंख में आए आंसुओं की इज्जत तो कर लिया करो !
उस शहीद की राख के हर कण में बसे
उस पत्नी के दुख को पूछ कर तो देख लिया करो !
उस शहीद के छोटे भाई की हिम्मत का
सहारा तो बन के देख लिया करो !
कभी दिल से उनके उस लहू को नमन तो कर लिया करो !
उनकी इस जीत, वतन की रक्षा एवं वतन के
लहराते तिरंगे पर रोशनी डाल कर तो देख लिया करो !
अपने नव जीवन तथा उनकी थमी सांसों को
झुककर सलाम तो कर लिया करो !
ऐ दोस्त, हर "शहीदी दिवस" पर
उस शहीद और सरहद पर खड़े जवान को
जय हिन्द कहकर नमन तो कर लिया करो !