वादा रहा- मैं फिर आऊंगा
वादा रहा- मैं फिर आऊंगा
सरहद से चिट्ठी आयी है
बेटा, मुझको जाना होगा
देश से किया था वादा मैंने
वादा मुझे निभाना होगा।
स्कूल तुम्हारे, फिर आऊंगा
टीचर से मैं, मिल जाऊंगा
सुना है तू अच्छा गाता है
अबकी बार, मैं सुन जाऊंगा।
बेटी की, गुड्डी का गुड्डा
अबकी बार में ले आऊंगा
नन्हे हाथों में चूड़ी मैं,
अपने हाथों पहनाउंगा
गुड़िया की मम्मी, तेरी भी
हरी-लाल चुनरी लाऊंगा
गर तू आँखे नाम कर लेगी,
सरहद कैसे जा पाऊँगा
बाबू जी की छड़ी है टूटी
"नयी छड़ी" मैं दिलवाऊंगा
ऐनक भी तो हुई पुरानी
आँखें भी बनवा जाऊंगा
"माँ " तू क्यों हैरान हुई है ?
थोड़ी सी परेशान हुई है
बेटा हूँ , "तेरा सुपूत हूँ" !
शीश न तेरा झुकवाऊंगा
अच्छा चलता हूँ बेटा मैं,
सबका तुमको ध्यान है रखना
माँ, गुड़िया, गुड़िया की मम्मी
आपस में सब मिलकर रहना
वैसे तो, वादा है मेरा
जाकर, फिर मैं "आ" जाऊंगा
फिर भी, गर ना आ पाया तो
नाम तुम्हारा कर जाऊंगा !
वादा रहा, मैं फिर आऊंगा
"वादा रहा" मैं फिर आऊंगा।