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manish bhatnagar

Inspirational

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विश्व पर्यावरण दिवस - धरती माँ का श्रृंगार

विश्व पर्यावरण दिवस - धरती माँ का श्रृंगार

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आओ हम सब मिलकर के,

धरती माँ का श्रृंगार करें

कुछ मनन करें, कुछ जतन करें,

हरियाली का संचार करें!               ||1||


जीवित धरती, सुंदर धरती,

फिर हम क्यों ऐसा काम करें?

कूड़ा करकट क्यों फ़ैलाएँ

क्यों धरती को बदनाम करें!          ||2||


कचरे के ढेर लगा कर के,

जल वायु को संक्रमित किया

हरा भरा, सुंदर जीवन

ये- क्यों हमने "शमशान' किया?     ||3||


नदियों को माता कहते,

पूजा करते, आदर करते

फिर क्यों हमने उन नदियों को

नालों में है तब्दील किया?             ||4||


दूर ग्रहों पे कूच किया,

आधुनिकता का संवाद किया

अपनी ही धरती को हमने,

ये कैसा “नासूर” दिया?                ||5||


धरती मां, सबका ख्याल करे

हर जाति, कुल का ध्यान करे

फिर क्यों ना हम सब जग जाएँ

कुछ ऐसा जग में कर जाएँ!           ||6||


तो, आओ, हम सब मिलजुल कर

कोने-२ को सॉफ करें

घर, अंदर, बाहर, गली-२

कूड़े, कचरे का नाश करें!             ||7||


जब चमकेंगे सब गलियारे,

तब दूर मिटेंगे अँधियारे    

हर चेहरे पर रौनक होगी

सामर्थ्य और शक्ति होगी|              ||8||

घर, आँगन हो, या विद्यालय

हो सड़कें, या फिर देवालय

हम सबकी ज़िम्मेदारी है

स्वच्छता में भागेदारी है|                ||9||


भारत भूमि का मान करो

खुद पे तुम अभिमान करो,

संतों की पावन भूमि ये

कुछ तो इसका सम्मान करो|         ||10||


हैं जीव, जन्तु विस्तृत प्रकार

सबको जीने का अधिकार

क्यों उनकी साँसे करते कम!

पहले से हैं क्या, कम कुछ गम?     ||11||


सार्वजनिक स्थानों को

अपना जानो- अपना मानो

ना करो गंदगी स्वयं कभी

ना करने दो - इतना जानो| ||12||


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