देश के लिए
देश के लिए
हो जाओ तैयार,
वीरों हो जाओ तैयार,
धार कुछ अस्त्र शस्त्र,
हो जाओ तैयार,
सब हो जाओ तैयार,
है वसुंधरा की पुकार,
वीरों हो जाओ तैयार,
प्रथम अस्त्र लो प्रेम भाव का,
मिटाने हर नफरत भाव को,
कर धारण मन में तिरंगा,
कुछ अपना भी काज करें,
हो जाये आज केसरिया,
सशक्तता धारण करें,
अन्याय के विरुद्ध हो एक सब,
देश का समुन्नत विकास करें,
श्वेत कर धारण मन में,
शांति सत्य के प्रतीक बने,
एक ईश की संतान सब,
प्रेम सौहार्द से रहे,
हरा रंग भी कर ले धारण,
हरितमा तन मन में भरे,
हरियाली से आज जरा,
नव धरा सृजन करें,
शुभ, शांति के बन पुजारी
बस प्रेम का अभिसिंचन करें,
कर्तव्य हैं हम सब का ये
नव भारत का निर्माण करें,
पावन वसुधा ये भारत भूमि की,
देव यहाँ नर तन धरते हैं,
मातृभूमि का कर्ज मिटाने,
सर्वस्व न्यौछावर करते हैं,
हममें से हर एक यहाँ,
देव से कुछ कम नहीं,
चाह ले हम जो जरा,
गम किसी को होगा नहीं,
फिर इस गणतंत्र पर हम
जरा नव संकल्प लेते है,
प्यारी सी मातृभूमि में
सुंदर सृजन करते हैं,
चलो संग संग अब जरा,
नव निर्माण करना है,
हर कष्ट को अब हमें
चुन चुन ही हरना हैं,
हिन्द की सेना बन हमें,
जयहिंद ही अब गाना हैं,
हम सब मिल ही मातृभूमि के,
प्यारा प्यारा खज़ाना हैं।।