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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Tragedy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Tragedy

दिवानी राधा

दिवानी राधा

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तड़पती हुं श्याम तेरे विरहमें,

ढूँढ़ती हूँ तुज़े मै बनमें,

आंखोमें आंसु बहाके,

ढूँढ़ती हूँ तुज़े मै बनमें।


नींद में से मुझे जगाके,

बुलाता है मुज़े वृजमें,

कदंबकी ड़ाली पे मुज़े झुलाके,

बावरी बनाता है मुज़े मिलनमें।


बन बन भटकुं तेरे विरह में,

ढूँढ़ती हूँ तुज़े मै बनमें,

आंखोमें आंसु बहाके,

ढूँढ़ती हूँ तुज़े मै बनमें।


मधुरी मधुरी तानें बज़ाके,

दिवानी बनाता है मुधे प्यारमें,

यमुना ज़लमें विहार कराके,

मुझे बसाया तेरे दिल में।


तेरे मिलन की तड़प लगी है,

चैन न आवे मेरे मनमें,

आंखों में आंसू बहाके,

ढूँढ़ती हूँ मैं तुझे वन में।


शरद की रातको मुझे बुलाकर,

नचाता है मुज़े रासमें,

परम आनंद की धारा बहाके

छूप गया तू पल में,


आज़ा वापस "मुरली" छेड़ के,

मन बावरा बना तुझे मिलने,

आंखों में आंसू बहाके,

ढूँढ़ती हूँ मैं तुझे वन में।


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