दिल मेरा तोड़ गया
दिल मेरा तोड़ गया
मान के जिसको अपना
हरदम साथ निभाया था
जिस्म की बना के जान
जिसे दिल में बसाया था
देकर धोखा मुझको, वो
ही दिल मेरा तोड़ गया
ऐसा दगाबाज निकला
मुझे मरने को छोड़ गया
दिल बहलाने को, जब
भी मयखाने जाता हूँ
उस बेवफा को फिर भी
मैं भुला नहीं पाता हूँ
मौत से चाहूँ मिलना
अब जीवन से मोह गया
ऐसा दगाबाज निकला
मुझे मरने को छोड़ गया
मैं पीना चाहूँ जब भी
वो गिलास में उतरे अब
घोलूँ अपने गम को
अपनी शराब में जब
नशीला होकर गम भी
नस नस में दौड़ गया
ऐसा दगाबाज निकला
मुझे मरने को छोड़ गया
जिगर का हर एक टुकड़ा
उसने इतना तड़पाया है
बोतल में छुप के बैठा
उसे भी बेनशा बनाया है
यादों को करके नशीली
बेदर्दी और भी छोड़ गया
ऐसा दगाबाज निकला
मुझे मरने को छोड़ गया